04 फ़रवरी, 2010

क्षणिका

आज के इस शुभ अवसर पर ,
है स्वागत आगत आज आपका ,
नित नयी प्रीत प्रगाढ़ बनाये ,
है दिन सब के सौभाग्य का|
आशा

1 टिप्पणी:

  1. आगंतुक के प्रति असीम विश्वास एवं उससे प्रतिदान में मिलने वाले प्रेम की आकांक्षा रखती एक सुन्दर क्षणिका ! प्रेम सम्बन्ध इसी भावना के साथ प्रगाढ़ हो सकते हैं ! बहुत सुन्दर !

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