09 अप्रैल, 2012

जिंदगी को भरपूर जिया है


मैंने जिंदगी को
कई कोणों से देखा है
हर कोण है विशिष्ट
हर रंग निराला है
होता जीने का अंदाज
गहराई लिए
तो कभी अहसास
केवल सतहीपन का
दे जाता बहुत कुछ
जो होता दूर
हर व्यक्ति की पहुँच से
दीखता उस रस्सी सा
जिस तक पहुँचना नहीं सरल
पर उसी रस्सी पर नट को
बिना सहारे चलते देखा है
मैंने जिंदगी को करीबसे देखा है
यह है वृत्त बहुआयामी
उन सभी आयामों को
महसूस किया है
दी है अपनीप्रतिक्रिया भी
कोसों दूरअतिशयोक्ति से
पास बहुत सत्य के
उसी सत्य को आकार दे
प्यार में डूबे देखा है
जिंदगी जीने की कला
सीखने की चाहत को
संबल मिलते देखा है
जिंदगी को जिया है
भोगा है महसूस किया है
हर कोण की छुअन को
उन अनुभूतियों को
यादों में समेटा है
मैंने जिंदगी को भरपूर जिया है |
आशा


24 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. शिखा जी आपका टिप्पणी करने का अंदाज अच्छा है |

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  2. हर कोण की छुअन को
    उन अनुभूतियों को
    यादों में समेटा है
    मैंने जिंदगी को भरपूर जिया है |

    सुन्दर रचना,बेहतरीन एहसासों से भरी भाव पुर्ण प्रस्तुति,.....आशा जी बधाई

    RECENT POST...काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....

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  3. जिंदगी को अलग नज़रिए से देखने और समझने का सार्थक प्रयास.

    बहुत बधाई आशा जी.

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  4. हर कोण से जिंदगी को माजना जरुरी है. खूबसूरत एहसास लिये सुंदर प्रस्तुति.

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  5. उन अनुभूतियों को
    यादों में समेटा है
    मैंने जिंदगी को भरपूर जिया है

    ......यादें कहीं नहीं जातीं ....हमारे आसपास महसूस होती हैं !
    खूबसूरत रचना के लिए बधाई !

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  6. ज़िन्दगी को भरपूर जीना ही जीना है
    'कलमदान '

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  7. सही, जिन्दनी को भरपूर जीनें में ही जिंदगी का मजा है,साथ ही हमारी जिन्दगी जीनें के ढंग से दूसरा परेशान न हो.बधाई

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  8. gahan chintan me rachi basi rachna..sadar badhayee aaur apne blog par amantran ke sath

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  9. एक गहन एवं सार्थक रचना ! जो जीवन को भरपूर तरीके से जीते हैं उन्हीं के पास अनुभव और अनुभूतियों की अनमोल दौलत होती है ! बहुत ही सुन्दर रचना ! बधाई स्वीकार करें !

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  10. इस प्रविष्टि को चर्चामंच पर पा कर बहुत सुखद अहसास हुआ |

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