17 मार्च, 2012

रिश्ते कठिन पहेली से

घर बनाया
जोड़े तिनके तिनके
हमराज खोजा
 सोचते सोचते
रिश्ते जुड़े
कुछ खून के
कुछ बनाए हुए
उन्ही में खोते गए
खुद को भूल के
पर आज लगते
सब खोखले रिश्ते
ठेस पहुंचाते
कई सतही रिश्ते
जब पास होते
जला करते
दूर होते ही
शोशा  उछालते
कटुता भर जाते मन में
कभी जज्बाती
दुखी कभी  कर जाते रिश्ते
होते कुछ कपूर से
तुरत जल जाते
तरल हुए बिना ही
बस अहसास छोड़ जाते
अपना होने का
रिश्ते तो रिश्ते ही हैं
क्या सतही क्या गहरे
अलग अलग रंग लिए
 कितनी दूर
कितने करीब
रिश्ते कठिन पहेली से |
आशा










14 मार्च, 2012

रंग अमन चैन का

इन्द्रधनुषी  छटा बिखरी
प्रकृति के हर कौने में
विविध रंगों में रंगी
प्रकृति नटी स्वप्नों में
सतरंगी चूनर पहन
विचरण करती मधुवन में
सारे रंग सिमटने लगे 
एक अनोखे रंग में
शुभ्र चन्द्र की धवल चांदनी
बिखरी जल थल और नभ में
धवल हुआ अम्बर
लिपटी अवनी श्वेत आवरण में
ढकी बर्फ से पर्वत माला
श्वेत दिखी जल की धारा
मुखरित शान्ति का भाव हुआ
एक अद्भुद अनुभव हुआ
देखे श्वेत कपोत गगन में
देते सन्देश शान्ति का
सदभाव के प्रतीक वे
सन्देश वाहक अमन चैन के
छोड़ कर संकीर्णता
दृष्टि विहंगम जब डाली
तभी दुनिया देखी रंगों की
है हरा रंग हरियाली का
दुनिया में खुशहाली का
लाल रंग प्रेम का ऐसा
 लग जाए तो  छूटे ना
केशरिया रंग शौर्य  का
समर क्षेत्र की आवश्यकता
काले रंग से भय लगता
अन्धकार में कुछ न दीखता
श्वेत रंग अमन चैन का
इसमें समाहित सभी रंग
सभी को आत्मसात करता
है नायाब तरीका भाईचारे का
आपस में हिलमिल रहने का |
आशा

12 मार्च, 2012

बहुत कुछ बाकी है


इस दुनिया में क्या रखा है
जीने के लिए 
रमे रहने के लिए
 अपनी दुनिया ही काफी है 
 बड़ी हस्ती ना भी हुए तो क्या
सर छिपाने के लिए
छोटी सी छत ही काफी है
जो सुकून  मिलता है यहाँ
शायद ही कहीं मिल पाए
बहुत अनुभव नहीं तो क्या
विश्वास की नीव ही काफी है
सीखा है बहुत कुछ
 दुनिया की दुधारी तलवार से
हुए दूर दुनिया से
सिमटे अपनी दुनिया में
उसे अपने में समेटने की
लगन ही काफी है
यहाँ जो खुशी मिलाती है
बांटने से भी कम नहीं होती
प्यार की तकरार की
छुअन अभी बाकी है
जिंदगी के कई रंग घुले यहाँ
 डूबे तभी जान पाए
गहरा है रंग यहाँ का
छूटना बहुत मुश्किल
  यहाँ  अहसास अपनेपन का
है इतना गहरा
आगे कुछ नहीं दीखता
बस यही काफी है
इस दुनिया में जीने के लिए
अभी बहुत कुछ बाकी है |
आशा