05 दिसंबर, 2015

बचपन कान्हां का


बचपन कान्हा का के लिए चित्र परिणाम
बाल सुलभ चापल्य तेरा
ऐसा मन में समाता
बालक के निश्छल मन का
हर पल अहसास दिलाता
कान्हां तू कितना चंचल
एक जगह रुक न पाता
सारे धर में धूम मचाता
मन चाहा  करवाता
तू मां की   आँख का तारा
 हो गया सभी  का दुलारा
मां की ममता का तू संबल
तन मन तुझ पर सबने वारा
किया पूतना वध 
 कष्टों से गोकुल को  उबारा 
जमुना तीरे कदम तले
धेनु चराई रास रचाया
केशर संग होली खेली
की गोपियों से ठिठोली
गलियों में धूम मचाई
राधा भी बच न पाई
पानी  सर से ऊपर हुआ 
शिकायतों का अम्बार लगा
गुजरियों की शिकायत पर
मां को बातों में बहकाया 
यशोदा मां बलाएं लेती 
कान्हां को कुछ न कहतीं
यही सभी से कहती
कान्हां मेरा भोलाभाला 
उसने कुछ न किया  
कैसे हो गुणगान तेरा 
शब्द नहीं मिलते 
मन में भाव घुमड़ते रहते
तुझ में खोए रहते |
  
शब्द

03 दिसंबर, 2015

छलना


तू ही तू नजर आती है के लिए चित्र परिणाम

दृष्टि जहां तक जाती है
तू ही  नज़र आती है
पलकें बंद करते ही
तू मन में उतर जाती है
छवि है या कोई परी
जो आँख मिचौनी खेल रही
 दृष्टि से ओझल होते ही  
मन  अस्थिर कर रही
है ऐसा क्या तुझ में विशेष
जग सूना सूना लगता है
जब तू नहीं होती
जीना दूभर होता है
अब तो सुनिश्चित करना होगा
तू सच में है
 या कोई छलना  
या भ्रम मेरे मन का
बहुत हुई  लुका छिपी
मेरे पास अब समय नहीं
तुझे खोज कर लाने का
मनुहार में समय गवाने का
मैं यदि तुझसे रूठा
फिर लौट कर न आऊंगा
भ्रम मेरा टूट गया है 
है धरा मेरे नीचे
अब तुझे सोचना है
क्या करना है कैसे करना है
या अभी भी मुझे छलना है |
आशा

30 नवंबर, 2015

यादें सज ही जातीं हैं


 
मेरी डायरी के कागज़
  लिखे गए  या रहे अघूरे  
कुछ कोरे रहे  भी तो क्या 
यादों की बयार  साथ लाये 
र्रूपहली यादों की महक 
सुनहरी धूप  की गमक 
मन को बहकाए
वह अनियंत्रित हुआ जाए
रची बसी खुशबू गुलाब की 
यादों को दोहराने लगी 
किसी की याद सताने लगी 
बीता कल अब समक्ष था
दिया गुलाब का फूल था
मनोभाव जताने को 
बड़े प्यार से जिसे सहेजा 
अपनी डायरी के बीच में
व्यस्तता इतनी रही
 वह  याद न आई
यादें विस्मृत होने लगी 
वर्तमान में खोने लगीं
आज अचानक हाथ आई 
वही पुरानी डायरी
गुलाब का फूल तो सूख गया  
पर महक अभी तक बाक़ी है
पन्नों में रच बस गई है
यादों में धुलमिल गई  है
मंथर गति से मुझ तक आकर 
यादें सज ही जाती हैं
 दिल में जगह बनाती हैं |
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आशा