13 मई, 2016

हाईकू सतरंगी (लाल,भगुआ ,हरा,श्वेत ,बैगनी,नीला ,पीला )



१-
लाल सिन्दूर
लाल ही चुनरिया
बहू है प्यारी |
२-
भगुआ वस्त्र
मुख पर है तेज
सिद्ध पुरुष |
३-
हरे वसन
किये धारण धरा
सुहानी लगे |

४-
श्वेत वसन
तेरे मां सरस्वती
हो मन शांत | 

५-
हरा रंग है
सम्रद्ध धरणी का
कृषक खुश |
६-
भगुआ रंग
छू रहा आसमान
कुम्भ क्षेत्र में |

७-
रंग बैगनी 
बैगन मन भाए  
सुस्वाद लगे  |
८-
नीलाम्बर में
उड़ते उडगन 
नापें वितान  |
९-
पीत वसन 
पहने धरती  ने 
झूमें बालियाँ |
 

11 मई, 2016

मौसम ने करवट बदली

मौसम ने करवट बदली तब न सचेत हुए
कई पांडाल ढहे कुछ लोग अचेत हुए
प्राकृतिक आपदा का कैसे हो आकलन
सड़क पर बिजली गिरी महिला के प्राण गए |

 भीड़भाड़ भारी थी महा कुम्भ के मेले में
धक्कामुक्की चोरी चकारी भी थी मेले ठेले में
आध्यात्म और भीड़ तंत्र दौनों दीखते यहाँ
धर्म ध्वजाएं लहलहातीं पूरे सिंहस्थ क्षेत्र में |

आज फिर मौसम ने धोका दिया
सिंहस्थ पर आई कठिनाइयां
थोड़ी सी वर्षा में  तम्बू धराशाही हुए
श्रद्धालू झेल रहे कठिनाइयां
जाने की इच्छा थी प्रवल इतनी
भूले जल वृष्टि और आंधियां
वाहन जाम में फंसे रेंग रेंग कर चले
मुंह पर उड़ने लगी हवाइयां
फिर भी हिम्मत से काम लिया
पार की घंटों में ज़रा ज़रा सी दूरियां
वहीं पहुँच कर दम लिया
मन को संतोष बस इतना रहा
पुण्य लाभ ले पाए कार्य अधूरा न रहा
इतनी मशक्कत में उड़ने लगीं हवाइयां |

आशा

10 मई, 2016

तस्वीर तेरी


तस्वीर तेरी मन में
इस तरह समाई है
तुझ में ही खोया रहता हूँ
सोते जागते उठते बैठते
उसी पर दृष्टि रहती है
बंद आँखों से कभी झांकती है
मधुर मुस्कान से रिझाती है
चुन्नी का कौना मुंह में दबा
हाथों में हाथ थामती है
दिल के किसी कौने में
इस तरह पैठ गई है
कभी ओझल नहीं होती
तस्वीर तेरी प्यारी सी
मेरी रग रग में समाई है
तेरी आवाज सुनाई देती है
तू मुझसे बातें करती है
अक्स तेरा अक्सर
मुझ में समा जाता है
दूर होते हुए भी तू
बहुत करीब होती है
दिल दिमाग के हर कौने में
बस तू ही बसी रहती है |
आशा

08 मई, 2016

दोस्ती तेरी मेरी (हाईकू )

बन्दर और कुत्ता के लिए चित्र परिणाम

१-
वर्ग अलग 
पर प्यार न बटा 
स्नेह उपजा |
 २-
मासूम अदा 
मेरी गोद में तुझे 
ले कर आई |
३-
 मैं मां न सही 
तेरा ख्याल रखती 
बड़े स्नेह से |
४-
  ना कोई तेरा 
ना कोई मेरा यहाँ 
हैं हम दोनो |
५-
 बन्दर बोला 
तू आजा मेरे पास 
 दुःख न मना |
६-
 कितना प्यारा 
तू लगता सबको 
ज़रा खुश हो |
७-
  मुझे पसंद 
 मेरी तेरी ये दोस्ती 
हैं भिन्न तो क्या |
८-
यह ममता 
कहाँ मिल पाएगी 
नहीं मालूम |
9-
यह दुनिया
प्यार न देख पाए
 जले हमसे |
१०-
तू वृक्ष पर
हूँ मैं धरती वासी
 प्रीत है न्यारी |
 
आशा