है कैसा व्यवसाय
जो फल फूल रहा
कुकर मुत्ते सा
चाहे जहां दिख जाता
रहते लिप्त सभी जिसमें
ऊपर से नीचे तक |
बिना बजन के
कोई फाइल नहीं हिलती
कितनी भी आवश्यकता हो
अनुमति नहीं मिलती
हें सजी कई दुकानें
यह व्यवसाय जहां होता |
देने वाला भी प्रसन्न
लेने वाला अति प्रसन्न
पहला सोचता है
कोई व्यवधान ना आए
दूसरा इसलिए कि
नव धनाड्य हो जाए |
हें जितने लोग लिप्त इसमें
ढोल में पोल की
कड़ी बने हें
धन अधिक पा जाने पर
हर संभव पूर्ती करते हें
दबी हुई आकांक्षा की
जब भय होता
पकडे जाने का
मुंह छिपाए फिरते हें
ले कर सहारा इसका ही
बेदाग़ छूट भी जाते हें
है यह विज्ञान या कला
विश्लेषण करना है कठिन
विज्ञान में शोध होते हें
नियम सत्यापित भी होते हें
कला होती संगम भावनाओं का
मिलता नया रूप जिसे
भावनाओं से दूर बहुत
ना ही कोई नियम धरम
यह दौनों से मेल नहीं खाता
लगता सबसे अलग
इसे क्या कहें
घूसखोरी ,तोहफा या रिश्वत |
आशा