10 मार्च, 2013

कर भरोसा अपने पर

कर भरोसा अपने पर
रहता है क्यूं बुझा बुझा 
क्यूं आज की चिंता करता है 
आज का दौर है  कठिन पर 
कल सुधरेगा दिल कहता है |
तेरी उदासी दुखित करती 
मन उद्वेलित करती 
महंगाई की जटिल समस्या 
मुंह बाए खड़ी दीखती
 छाई रहती दिल दिमाग पर
तपती धुप सी लगती |
तू अधीर नहीं होना 
आपा अपना ना खोना 
वर्त्तमान तो बीत जाएगा 
कल सुधरेगा दिल कहता है |
कठिन परिश्रम की कुंजी हो तो
जटिल समस्या हल होगी
पुरसुकून जिन्दगी होगी 
समय बदलेगा दिल कहता है |
तू वर्त्तमान में जीता है 
तभी दुखित होता है 
जब आशा का दामन थामेगा 
बदलाव समय में होगा
तू सबसे आगे होगा 
कल बदलेगा दिल कहता है |
आशा

16 टिप्‍पणियां:

  1. 'आशा सी आकाश थमा है ............." निश्चित ही बदलेगा !

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  2. रोचक प्रस्तुति जबरदस्त कटाक्ष .बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति .एक एक बात सही कही है आपने .सराहनीय प्रयास अभिव्यक्ति सुन्दर लिनक्स संजोये हैं आपने .सार्थक जानकारी भरी पोस्ट ."महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें"मेरी पोस्ट को ये सम्मान देने के लिए आभार मासूम बच्चियों के प्रति यौन अपराध के लिए आधुनिक महिलाएं कितनी जिम्मेदार? रत्ती भर भी नहीं . .महिलाओं के लिए एक नयी सौगात WOMAN ABOUT MAN

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  3. बढ़िया -
    आभार आदरेया -
    हर हर बम बम -

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  4. आशा के भाव जगाती ....
    बहुत ही सुन्दर रचना..
    :-)

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  5. बढ़िया और सार्थक यथार्थ से जुडी कविता |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  6. बहुत खूब जी
    कभी यहाँ भी पधार कर join कीजिए हमें भी उत्साह मिलेगा
    गुज़ारिश : ''महिला दिवस पर एक गुज़ारिश ''

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  7. बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति

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  8. असीम आशा का संचार करती हुई..

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  9. आशा का सन्देश देती प्रेरक प्रस्तुति ! बहुत बढ़िया !

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