27 जून, 2020

वर्षा की दस्तक




जब काली घटाएं  छाईं आसमान में
बादल गरजे बिजली कड़की 
बारिश की बूंदों ने की  अमृत की वर्षा 
बदले मौसम  में धरा ने ली अंगड़ाई  |
चहु ओर छाई हरियाली खेतों में
हुआ मन विभोर इस  अनुपम छटा को  देख 
इसी मनोरम दृश्य को देख 
आत्मसात करने की इच्छा हुई बलवती |
गर्म मौसम की तल्खी  हुई कम
ठण्डी बयार बह चली जिस ओर 
नन्हीं नन्हीं बूंदों ने किया सराबोर
घर आँगन खेतों को हो कर विभोर |
 तरसी निगाहें इसे आत्मसात करने को 
प्रकृति की अनमोल छवि मन में उतारने को 
मनोभाव मन में दबा न सकी 
कागज़ पर कलम भी खूब चली |
आशा



                             

9 टिप्‍पणियां:

  1. धन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |

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  2. आभार सहित धन्यवाद कुलदीप जी सूचना के लिए |

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  3. वाह ! बहुत सुन्दर चली कलम ! मौसम भी सुहाना हुआ और मन भी प्रफुल्लित हुआ !

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