tag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post121695703037349341..comments2024-03-29T09:38:38.923+05:30Comments on Akanksha -asha.blog spot.com: मन की स्थितिAsha Lata Saxenahttp://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-11522761349206348752010-08-14T23:47:05.981+05:302010-08-14T23:47:05.981+05:30दिल तो पागल है जी....बन्दर सा चंचल है जी...जरा बाँ...दिल तो पागल है जी....बन्दर सा चंचल है जी...जरा बाँध लीजिए...<br />सुंदर प्रस्तुति.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-88740736391020425322010-08-14T21:10:55.293+05:302010-08-14T21:10:55.293+05:30मनोविज्ञान पढ़ा है फिर भी ,
विचारों में होते बदलाव ...मनोविज्ञान पढ़ा है फिर भी ,<br />विचारों में होते बदलाव का,<br />कारण जान नहीं जान पाई ,<br /><br />यहीं तो मनोविज्ञान चूक जाता हैM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-71705325986826319522010-08-14T06:37:41.151+05:302010-08-14T06:37:41.151+05:30सुंदर भावा अभिव्यक्ति
सार्थक लेखन के लिए शुभकामनाए...सुंदर भावा अभिव्यक्ति<br />सार्थक लेखन के लिए शुभकामनाएं-हिन्दी सेवा करते रहें। <br /><br /><br /><i><b> <a href="http://lalitdotcom.blogspot.com/2010/08/blog-post_14.html" rel="nofollow"><br />नौजवानों की शहादत-पिज्जा बर्गर-<br />बेरोजगारी-भ्रष्टाचार और आजादी की वर्षगाँठ</a> </b></i>ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-13881634330852880272010-08-13T21:05:07.919+05:302010-08-13T21:05:07.919+05:30मन में चलने वाले अंतर्द्वद्व को बहुत खूबसूरती से ल...मन में चलने वाले अंतर्द्वद्व को बहुत खूबसूरती से लिखा है...बहुत बढ़ियासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-59691894323860409552010-08-13T20:16:27.982+05:302010-08-13T20:16:27.982+05:30मन तो बिना डोर की पतंग की तरह होता है ! विचारों के...मन तो बिना डोर की पतंग की तरह होता है ! विचारों के अनंत आकाश में जाने कहाँ-कहाँ भटकता है, जाने किस पर आसक्त होता है और किससे विरक्त कोई नहीं जानता ! उसकी उड़ान के अनुभव ही हमारे चहरे पर प्रतिबिंबित होते हैं ! सुन्दर रचना ! बधाई !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-65114017821884301032010-08-13T17:16:35.160+05:302010-08-13T17:16:35.160+05:30मन की और मस्तिष्क की, गाथा बहुत विचित्र।
मस्तक करत...मन की और मस्तिष्क की, गाथा बहुत विचित्र।<br />मस्तक करता है मनन, मन का भिन्न चरित्र।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-59530967642491944862010-08-13T14:21:57.542+05:302010-08-13T14:21:57.542+05:30जीवन सच तभी तो इसे अनमोल कहते हैंजीवन सच तभी तो इसे अनमोल कहते हैंAnonymousnoreply@blogger.com