tag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post1964859004521350972..comments2024-03-29T09:38:38.923+05:30Comments on Akanksha -asha.blog spot.com: स्वार्थAsha Lata Saxenahttp://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-24690414747832565242011-10-03T17:27:34.290+05:302011-10-03T17:27:34.290+05:30बहुत अच्छे चित्रों के साथ आज के मनुष्य की सामाजिक ...बहुत अच्छे चित्रों के साथ आज के मनुष्य की सामाजिक व प्राकर्तिक जिम्मेदारियों को शब्दों में रचा है आपने,बेहतरीन सारगर्भित रचना<br />मनुष्य अपनी मनुष्यता भूल रहा है जैसे<br />प्राकृतिक असुंतलन भी बढ़ा रहा ऐसे<br />अपने आपको उसे जगाना होगा<br />संवेदनशीलता ही मनुष्यता मानना होगाHumanhttps://www.blogger.com/profile/04182968551926537802noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-24655074368430731752011-10-03T14:41:00.379+05:302011-10-03T14:41:00.379+05:30आज के मानव की स्वार्थपरक मानसिकता को पर्त दर पर्त ...आज के मानव की स्वार्थपरक मानसिकता को पर्त दर पर्त उघाड़ती बहुत सशक्त एवं सार्थक रचना ! अंतत: मनुष्य को ही इसके दुष्परिणाम भुगतने होंगे ! सुन्दर रचना के लिये बधाई एवं शुभकामनायें !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-24085239021053931082011-10-03T12:57:39.049+05:302011-10-03T12:57:39.049+05:30बहुत सुन्दर विचारणीय रचना|बहुत सुन्दर विचारणीय रचना|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-9204586419839440602011-10-03T12:35:15.504+05:302011-10-03T12:35:15.504+05:30भावमय करते शब्दों का संगम ।भावमय करते शब्दों का संगम ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-50835373698952629762011-10-03T08:19:22.751+05:302011-10-03T08:19:22.751+05:30भावपूर्ण और सार्थक अभिवयक्ति.....भावपूर्ण और सार्थक अभिवयक्ति.....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-54148620236014135172011-10-03T06:52:16.812+05:302011-10-03T06:52:16.812+05:30प्रकृति का असंतुलन भारी ही पड़ेगा ...
सार्थक रचना!...प्रकृति का असंतुलन भारी ही पड़ेगा ...<br />सार्थक रचना!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-5448241781276066872011-10-03T02:58:35.352+05:302011-10-03T02:58:35.352+05:30बहुत उम्दा रचना....बहुत उम्दा रचना....Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-39966082910360189802011-10-03T00:21:19.638+05:302011-10-03T00:21:19.638+05:30गहरी सोच से भरी कविता | धन्यवाद |गहरी सोच से भरी कविता | धन्यवाद |Srikant Chitraohttps://www.blogger.com/profile/17983107918904838925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-36653814628145585852011-10-02T23:12:39.154+05:302011-10-02T23:12:39.154+05:30प्राकृतिक संसाधनों का बेरहमी से किया गया दोहन असं...प्राकृतिक संसाधनों का बेरहमी से किया गया दोहन असंतुलित कर देगा प्रकृति को ..अच्छा सन्देश देती अच्छी रचनासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-43641598651018863212011-10-02T23:08:12.831+05:302011-10-02T23:08:12.831+05:30सुंदर संदेश देती पोस्ट।
सच है, यह हमारा स्वार्थ...सुंदर संदेश देती पोस्ट। <br />सच है, यह हमारा स्वार्थ ही है कि हम प्रकृति प्रदत्त संसाधनों का अनाप शनाप तरीके से दोहन करते हैं जिसका खामियाजा आखिरकार हमको ही भुगतना पडता है। <br />चिंतनीय विषय पर आपने कलम चलाई... आभार.....Atul Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-34166088330777114092011-10-02T22:06:33.025+05:302011-10-02T22:06:33.025+05:30राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और यशस्वी प्रधानमंत्री र...राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और यशस्वी प्रधानमंत्री रहे स्व. लालबहादुर शास्त्री के जन्मदिवस पर उन्हें स्मरण करते हुए मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजलि! <br />इन महामना महापुरुषों के जन्मदिन दो अक्टूबर की आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-64434095357930873752011-10-02T21:34:30.574+05:302011-10-02T21:34:30.574+05:30बहुत सुन्दर,प्रेरक रचना , आभारबहुत सुन्दर,प्रेरक रचना , आभारS.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-63966531869763168592011-10-02T21:25:41.631+05:302011-10-02T21:25:41.631+05:30आज की स्वार्थ-सिद्धि आनेवाली पीढ़ी के लिये कितनी कष...आज की स्वार्थ-सिद्धि आनेवाली पीढ़ी के लिये कितनी कष्टकारी होगी इसे मानव महसूस कर ले तो शायद चेत जाये. विचारणीय सार्थक रचना.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-24051934751256897642011-10-02T21:19:32.582+05:302011-10-02T21:19:32.582+05:30शुभकामनाएं||
बहुत ही बढ़िया ||
बधाई ||शुभकामनाएं||<br />बहुत ही बढ़िया ||<br />बधाई ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com