tag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post6527283682966912477..comments2024-03-25T23:18:44.469+05:30Comments on Akanksha -asha.blog spot.com: कविAsha Lata Saxenahttp://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-60264055449981610662010-10-06T18:02:15.433+05:302010-10-06T18:02:15.433+05:30एकांत में घंटों ,
गुमसुम बैठा रहता है ,
अपने में ख...एकांत में घंटों ,<br />गुमसुम बैठा रहता है ,<br />अपने में खोया रहता है ,<br />एकाएक उठता है,<br />लिखना प्रारम्भ करता है ,<br />नयी कविता का ,<br />सृजन करता है ,<br /><br /><br />--बहुत उम्दा परिभाषित किया है. सुन्दर रचना.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-80036109395670754082010-10-06T12:17:46.003+05:302010-10-06T12:17:46.003+05:30kavi shabd ko paribhashit karna........sirf aapke ...kavi shabd ko paribhashit karna........sirf aapke bas me hi hai.............Asha di!!<br /><br />bahut pyari rachna...!!मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-55903701953308224952010-10-06T00:07:18.685+05:302010-10-06T00:07:18.685+05:30रहता भावना के समुद्र में ,
जीता स्वप्नों की दुनिया...रहता भावना के समुद्र में ,<br />जीता स्वप्नों की दुनिया में ,<br />गोते लगाता ,<br />ऊपर नीचे विचारों में ,<br />सुख हो या दुःख ,<br />उन्हें दिल से लगाये रहता ,<br />संबल ह्रदय का देता ,<br />कैसी भी छबी क्यूँ ना हो ,<br />ह्रदय में उतार लेता ,<br />शब्द जाल बुनता रहता ,<br />वह स्वयं नहीं जानता ,<br />जानना भी नहीं चाहता ,<br />वह कहाँ खोया रहता है ,<br />किस दुनिया में रहता है ,<br /><br />ekdam satik baat kahin koi banawat nahin.. waah maja aagaya is saadgi ke ehsaas se. Thanks.Dr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-42658244764665845952010-10-05T20:11:39.939+05:302010-10-05T20:11:39.939+05:30कवि ह्रदय दोहरी भूमिका निभाता है इसमें कोई दो मत न...कवि ह्रदय दोहरी भूमिका निभाता है इसमें कोई दो मत नहीं.... एक निजी जिंदगी और एक सामाजिक जिंदगी .. आरम्भ में भले ही वह अंतर्मुखी हो लेकिन धीरे धीरे उसका बहिर्मुखी होना लाजिमी है ...<br />बहुत अच्छी तरह परिभाषित किया है आपने कवि ह्रदय को...हार्दिक शुभकामनाकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-85325791134070332142010-10-05T20:07:25.445+05:302010-10-05T20:07:25.445+05:30इसमें कोई दो राय नहीं कि कवि दोहरे व्यक्तित्व का स...इसमें कोई दो राय नहीं कि कवि दोहरे व्यक्तित्व का स्वामी होता है ! एक रूप उसका सामाजिक प्राणी का होता है और दूसरा रूप कलाकार का ! सामाजिक व्यक्ति सबसे जुड़ा होता है और जब उसके मन का कवि जागृत होता है तो वह स्वयं को सबसे पृथक कर एकांत में खो जाना चाहता है ! सुन्दर रचना ! बधाई एवं आभार !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-69958801216026197562010-10-05T20:00:05.058+05:302010-10-05T20:00:05.058+05:30कैसे किया जाए ,
परिभाषित 'कवि 'शब्द को
कवि...कैसे किया जाए ,<br />परिभाषित 'कवि 'शब्द को<br />कवि की मनोदशा का और कार्यपद्धति का सुन्दर भावाभिव्यक्ति किया है आपने. <br />शायद कवि को परिभाषित कर पाना सम्भव ही नहीं है.Raziahttps://www.blogger.com/profile/18098493614329822019noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1607520654597445775.post-41756232061972719382010-10-05T19:33:52.394+05:302010-10-05T19:33:52.394+05:30दीदी प्रणाम,
कर्म स्वत्रंता और कल्पनाशीलता की ईश्व...दीदी प्रणाम,<br />कर्म स्वत्रंता और कल्पनाशीलता की ईश्वर ने कितनी प्यारी सौगात दी है मानव को. कोई सृजन करता है तो कोई विनाश. <br />सृजनता में बहुत मेहनत है और परिणाम प्राप्त होने पर बेहद ख़ुशी भी. अत: हर सृजनकर्ता को मेरा सलाम. <br />बहुत ही सुन्दर विचार हैं आपके. :)<br />रोशनीRoshanihttps://www.blogger.com/profile/17011034595175312423noreply@blogger.com