विश्लेषण का अवसर न मिला
जब बहुत करीब से देखा
अंदर झांकने की कोशिश की
बात बड़ी स्पष्ट लगी
यह कटुता या गलत ब्यवहार
इस रिश्ते की देन नहीं
है यह पूर्णरूपेण व्यक्तिगत
जो जैसा सहता है देखता है
वैसा ही व्यवहार करता है
मन की कठोरता निर्ममता
करती असंतुलित इसे
सास यह भूल जाती है
बेटी उसकी भी
किसी की तो बहू बनेगी
जो हाथ बेटी पर न उठे
वे कैसे बहू पर उठते है
क्या यह दूषित सोच नहीं
है अंतर बहू और बेटी में
क्यूं फर्क फिर व्यवहार में
वह भी तो किसी की बेटी है
प्यार पाने का हक रखती है ||
आशा









