मन शंकाओं से भरता जाता
यह परिवर्तन हुआ कैसे
छोर नजर नहीं आता
फिर भी परेशान नहीं हूँ
खोजना चाहती हूँ उसे
जो है असली कारक और कारण
इस होते परिवर्तन का
क्या देखा उसने ऐसा
जो खिचा चला आया
बिना जाने अपनापन जताया
कहीं से रिश्ता भी खोज लाया
वह कितना सही कितना गलत
यह तो नहीं मालूम
पर लगता कोई गहरा छिपा राज
अचानक प्रेम उमढने में
कहीं कोई धोखा तो नहीं
जो छल करे मेरे अनजाने में
मेरी ममता से भरे जीवन में
मुझे कोई भी परिवर्तन
रास नहीं आता
समाधान मन की शंका का
हो नहीं पाता|
आशा
मुझे कोई भी परिवर्तन
रास नहीं आता
समाधान मन की शंका का
हो नहीं पाता|
आशा