23 जनवरी, 2014

बचपन


पचपन में
बचपन की बातें
नानी ने कहीं |

ओ बचपन
कोशिश तो करना
यादों में आना |

 ए बचपन
सपनों में आ कर
नींद चुराना |



माँ की ममता
बचपन न भूलता
उसमें खोता |
 



 हंसता गाता 
बचपन मुखर
माँ की बाहों में | 

सोता जागता
 हंसता खसकता 
बचपनहै 


 लुका छिपी में
बचपन प्रसन्न
बाबा के संग |

 मैंने बनाई
सरकंडे की गाड़ी
बचपन में
 |
गाती रिझाती
चलती ठुमकती
बचपन में |


आशा

21 जनवरी, 2014

जब बुलडोजर चला


ताश के पत्तों सा
महल सपनों का ढहा
दिल छलनी हुआ
जब बुलडोजर चला |
एक ही चिंता हुई
जाने कहाँ जाएंगे
कैसे समय निकालेंगे
इस बेमौसम बरसात में |
कोई  मदद न काम आनी है
सारे आश्वासन बेमानी हैं
खुद को ही खोजना होगा
 आशियाना सिर  छिपाने को  |
बस एक ही 
दया प्रभु ने पाली
झोली रही न खाली
कर्मठ हूँ 
साहस रखता हूँ|
हल समस्या का 
 खोज सकता हूँ
इसी लिए दुःख नहीं पालता
अपनी लड़ाई खुद लड़ता हूँ |
आशा