हर रंग जीवन में आता
किसका कैसा जीवन है
वही उसे परिलक्षित करता |
सात रंग से सजा इंद्र धनुष
सातों फिर भी नहीं दीखते
आपस में मिलने जुलने से
हाथ मिला संधी करते |
जब एक दूसरे पर होते हावी
एक वजूद खोता अपना
प्रथम में विलय हो जाता
अद्भुद छटा बिखराता |
सप्तपदी लगती आवश्यक
अटूट बंधन में बंधने को
जन्म जन्म तक साथ रहे
मन्नत यही माँगते |
सात अजूबे दुनिया के
सभी देखना चाहते
कुछ ही होते भाग्यशाली
उन्हें देखने का सुख पाते |
सात का होगा इतना महत्व
पहले जान न पाया
विचार शून्य सा होने लगा
तभी जान पाया |
आशा