06 नवंबर, 2018

कोई तुम से सीखे




रोज न आना 

बहाने बनाना
मीठी बातों से 

मन को रिझाना 

कोई तुमसे सीखे |
झूट बोल कर 
बातें बनाना 
उन्हें सच का 
चोगा पहनाना 
कोई तुम से सीखे|

गलत काम करना

उसे सही बताना

ज़रा भी न पछताना

कोई तुम से सीखे |


आशा

05 नवंबर, 2018

उजाला














चाँद की चांदनी
खिड़की से अन्दर झांकती
कण कण हो जाता जगमग
रौशन होता घर द्वार |
नन्हें दीप देते उसका साथ
पर सह न पाते वायु का वार
हार थक कर सो जाते
धीमाँ हो जाता उजाला |
पर चांदनी हार न मानती
दुगने बेग से फैल जाती
चमकाती घर द्वार |
             आशा

प्यारी बेटी

03 नवंबर, 2018

हमराज






                                                             किसीने कहा है कठिन राह 
छोड़ दे साथ
 पर मन नहीं मानता
यदि तुम्हारी मर्जी हो
सब कुछ छोड़ देंगे हम
पर एक ही रास्ता है ऐसा
जिसे न मोड़ पाए हम |
हमराज रहे मेरे
इन हसीन वादियों में
जब से कदम रखा
इस प्यार की दुनिया में
दिन रात खोए रहते हम
नहीं बहके कभी कदम
ना ही कभी डगमगाए
बादा जो किया तुमसे
उसे पूरा करेंगे हम |
छोड़ते तो कायर है
मगर हम न छोड़ेगे साथ
कदम से कदम मिला कर चलेंगे
रहेंगे सदा हमराज |
आशा

01 नवंबर, 2018

नारी बेचारी





थी एक अवला
शोषण का शिकार
रोज की हाथापाई
कर गई सीमा पार
नौवत बद से बत्तर हुई
एक दिन दोनो हाथ
गले तक जा पहुंचे
न जाने कहाँ छुपे
ठहर गए आंसू आँखों में
इतनी क्षमता आई
बगावत करने को
हुई बाध्य वह
अब सहन न कर पाएगी
हिंसा और अत्याचार
है आज की नारी
नहीं अब बेचारी |
आशा