15 फ़रवरी, 2019

हाईकू( श्रधांजलि )



नमन वीरों
देश के रखवालों
रहोगे याद

जो रहे याद
वो कार्य किया वीरों
वीर शहीदों 


अपना सुख
छोड़ दिया तुमने
देश हित में

हो रखवाले
किया  देश सजग
रक्षक तुम

कठिन कार्य
बहुत सरल है
तुम्हारे लिए



मां सरस्वती
देवी है वीणापाणी
विध्या दायनी

तुम्हारा स्वप्न
देश की सुरक्षा का
 नहीं अधूरा

सच्चे शहीदों
मेरा नमन तुम्हें
समर्पित है 

आशा

14 फ़रवरी, 2019

वेलेंटाइन डे







प्यार बहुत  करते हैं  
पर जताना नहीं आता  
पर खोज लिया  सरल तरीका
 प्यार के इजहार का
 बेलेन्टाइन डे ले आया
जो मुंह से न किया इकरार
गुलाब का एक फूल दिया
और मुस्कराहट अधरों पर
वेलेंटाइन डे ले  आया
यूं तो आवश्यक नहीं
कोई दिन हो निर्धारित
प्यार दर्शाने के लिए
पर पाश्चात्य संस्कृति की दौड़ में
कोई कैसे पीछे रह जाए
यूं भी समय नहीं है
 व्यर्थ की बातों के लिए
तभी किया एक दिन निर्धारित
इजहार प्यार का  करने के लिए |
आशा


13 फ़रवरी, 2019

मेरा अस्तित्व


मेरा अस्तित्व


तू बरगद का पेड़
और मैं छाँव तेरी
है यदि तू जलस्त्रोत
मैं हूँ जलधार तेरी |
तू मंदिर का दिया
और मैं बाती उसकी
अगाध स्नेह से पूर्ण
मैं तैरती उसमे |
तूने जो चाहा वही किया
उसे ही नियति माना
ना ही कोइ बगावत
ना ही विरोध दर्ज किया |
पर ना जाने कब
पञ्च तत्व से बना खिलौना
अनजाने में दरक गया
सुकून मन का हर ले गया |
कई सवाल मन में आए
वे अनुत्तरित भी न रहे
पर एक सवाल हर बार
आ सामने खडा हुआ |
है क्यूँ नहीं अस्तित्व मेरा
वह कहाँ गुम हो गया
मेरा वजूद है बस इतना
वह तुझ में विलीन हो गया |
आशा

12 फ़रवरी, 2019

पलाश

बसंत ऋतु को कर विदा 
पतझड़ ने डेरा डाला
पत्ते पीले हो झड़ने लगे
फिर भी कुछ पौधों पर 
हरी हरी कलियों में से 
झांक रहे केशरिया पुष्प  
हाथों से यदि छू लिये  
हाथ पीले हो जाते  
अभी भी  स्रोत यही हैं
देहातों में केशरिया रंग के     
 घर पर इनसे ही रंग बना कर 
होली पर खेलते रंग 
प्रियतमा के संग 
हो जाते अनंग
 खुशीयों में रम के
फूलों की होली के
 हैं ये प्रमुख हमजोली 
ये  होते बहुत उपयोगी  
दवा में उपयोग किये जाते 
श्वेत पुष्प पलाश के 
तंत्र मन्त्र साधना में 
काली शक्तियों को दूर करने में
पाते सफलता साधक
  केशरिया श्वेत पुष्पों के उपयोग से  |

आशा 


11 फ़रवरी, 2019

अवमानना






                                     कोई अपमान न कर पाए
                                                      उसका हर बार
                                                है दीवानगी इतनी कि
                                       उसकी छाया का भी
                                             न हो पाए  अवसान
                                           कोई उसके दिए  तोहफे का
                                              न करे अभिमान
                                         प्यार का सच्चा स्वप्न वही
                                             जो दीखता उस पार
                                             सच्चाई की मिठाई भी
                                               सदा मीठी नहीं होती
                                       अधिक मिठास देती कडवाहट
                                                      असंख्य बार  |

                                                आशा

10 फ़रवरी, 2019

शायरी सरल नहीं लिखना


नहीं कोई मन में मलाल
नियमों को तोड़ने का
छिपे भाव उजागर करने का
हर गज्ञल बेबहर हो गई है |
नाम हुए उसके हजार
हर शख्स गजल पढ़ नहीं सकता
उसमें निहित अर्थ
समझ नहीं सकता
चाहता है शायर कहलाना |
है शायरी के नियमों से अनिभिग्य
जानना भी नहीं चाहता
पर शायरी से हैउसका गहरा नाता
तभी तो हर गजल
बेबहर हो कर रह गई है |
ना तो काफिया ना मक्ता
न कोई जानकारी कैसे लिखी जाए 
शायरी में आनेवाले क्रम की |
पर अरमान नहीं छूटते
शायर कहलाने के
मंच पर शेर सुनाने के
तभी शायरी बेबहर हो गई है |
आशा