03 फ़रवरी, 2020

पंखुड़ी


बगिया में फूलों की क्यारी
महकी सारी फुलवारी
 ध्यान गया  जब सुगंध पर  
हुआ  उत्फुल्ल मन  
देखीं पुष्पों से लदी डालियाँ  
 देखे फूल देखी अधखिली कलियां
झांकती अनमोल पंखुड़ी उनमें से
जो मकरंद की रक्षा करतीं
 मंद पवन के साथ बह चली
फूलों की मन मोहक सुगंध 
मैं उस ओर बेंच पर 
कब जा  बैठी याद नहीं   
 मन लुभावन रंग बिरंगे 
फूल खिले बड़े सुन्दर   
आकर्षित हुए तितली और भ्रमर भी
बारम्बार मंडरा  रहे वे आसपास
स्पंदन से उनके 
 बढ़ी कलियों में हलचल
भौरे  तो इस हद तक बढ़ गए
स्वतः बंद किया खुद को 
पुष्पों की पंखुड़ियों के आलिंगन में
मकरंद का पान करने के लिए
बंधक होना भी स्वीकार किया
पंखुडियों की बाहों में दुबक   
रहा बंद तब  तक
जब कली फूल बन गई
तभी बंधन मुक्त हो पाया
जब मकरंद से  मन भरा
अलग हो चल दिया
दूसरे रंग बिरंगे पुष्पों की बाहों में
उनकी  पंखुड़ियों की पनाह में
होता इतना आकर्षण उन में
मोह नहीं छूटता अलग हो नहीं पाता
 रंग बिरंगे प्यारे से  
 पुष्पों की  पंखुड़ियों  से |
आशा




29 जनवरी, 2020

बयार


  
जब चली वासंती बयार
 मंद गति से वन  उपवन में
बाग़ में आई  बहार
धरती ने किया नव श्रृंगार ओढ़ी चूनर धानी  
दी सूचना वसंत आगमन की |
वृक्षों पर आए नव पल्लव हरीतिमा लिए
डालियों का साथ छोड़ पतझड़ को बिदा कर
मुरझाए पीले पत्तों ने ले ली बिदाई
बयार के साथ हो लिए सारे खुशी से |
खेतों में सरसों फूली पीली
 पुष्प खिले पीले लहराए मंद बयार संग    
महिलाओं ने पीत वस्त्र  धारण किये 
बच्चों को सजाया सवारा पीले परिधानों से |
नैवेध्य बना केशरिया भात का माँ सरस्वती को भोग लगाया
धूप दीप किये अर्पित वसंत पंचमी का त्यौहार मनाया
  परम्परा को खूब  निभाया मन से
विद्यादायनी माँ शारदे को नमन किया पूर्ण  श्रद्धा से |
आशा  



28 जनवरी, 2020

कर्तव्य निष्ठ


                                   बहुत कुछ हो गया है संपन्न
पर अंत नहीं हुआ  है
जब तक कार्य रहेगा शेष
मेरा अवधान न भटकेगा
अंतिम सांस तक अडिग रहूँगा
हूँ कर्तव्यपरायण निष्ठावान  
ना तो  मार्ग से भटकूँगा
 ना ही  कदम पीछे लूंगा
मैंने पैरों को जमा लिया है
मन ने सोच लिया है
पहली  पंक्ति में आने का
उस पर ही अडिग  रह कर
अपना मार्ग प्रशस्त करूगा
राह को खोज लिया है
मार्ग से विचलित न  हो कर
गंतव्य तक  पहुँच कर
आखरी  सांस लूंगा
हूँ अंत से दूर अभी नहीं मरूंगा

आशा













27 जनवरी, 2020

हाईकू


१- जय जवान 
जय हिंदुस्तान की 
गणतंत्र है 
२-प्यारा भारत 
तिरंगा फहराया 
 गणतंत्र था 
३-मन मोहक 
नजारा समाया है
गणतंत्र का
४-स्वतंत्र हिन्द
तिरंगा पहचान 
हिन्द की शान  
५-जंग से दूर 
भाईचारे से प्यार  
देश महान
आशा

23 जनवरी, 2020

भक्ति




भक्ति में है शक्ति अपार
 है अनोखी वकत उसकी
यदि सच्चे मन से की जाती
कोई न कर पाता बराबरी उसकी |
भक्त की है प्रेरणा वही
जब पूरी श्रद्धा से  की जाती
वह सरलता से भव सागर पार कर पाता
जो चाहत है मन में उस तक हाथ पहुँच पाता| 
यदि भक्ति नहीं होती
 भक्त की कद्र कहाँ होती 
सही अर्थों में प्रभु को भजता कौन 
सत्य के मार्ग पर चलता कौन |
आज के सन्दर्भ में सभी
 अनजाने में गलत मार्ग चुन लेते
  भगवान तक पहुँचना चाहते
गंतव्य तक यदि ना पहुंचते दोष भक्ति को देते |
                            आशा