लंबित कई दिन का कष्ट
अब रोज का आराम
चिंता मुक्त हो गए हो
हुआ चंचल
मन शांत |
बेचैनी कहाँ खो गई
जान नहीं पाई
प्रभू से की थी प्रार्थना
ऐसे दिन किसी को न दिखाए |
हुए हो रोग मुक्त
परहेज ही करना है
समय पर सब कार्य हो
बस यही ध्यान रखना है |
ठीक समय पर चेते
यह समस्या भी हल हो गई है
प्रभु की असीम कृपा रही है |
अपने कुंद मन को शांत रखूँ
कठिन दौर से गुज़री हूँ
वह भी बीत जाएगा
अब सोच पा रही हूँ |
जीवन की सच्चाई से
पहली बार सामना हुआ है
अब सत्य से मुखातिब हूँ
प्रभु ने रक्षा की है |
आशा