01 सितंबर, 2020

बढ़ती उम्र का पुरस्कार




एक उम्र गुजर जाने पर
 समय लौट तो नहीं पाता
पर जीवन में बड़ा बदलाव
अवश्य आ जाता है |
इस उम्र तक आते आते
एक विश्वास खुद के अंतर मन में
जाग्रत हो जाता है
 किसी का संबल यदि मिले |
स्वप्न जो सजोए थे काली रातों में
होने लगते है साकार
मन मयूर थिरकने लगता है
नृत्य की भंगिमा में परिवर्तन बेमिसाल |
संतुष्टि का भाव झलकने लगता है
हर उस कार्य में जिसमें कभी
  निपुणता की चाह रहती थी
स्वतःही आने लगती है अनुभवों से |
उम्र बढ़ती है समय के थपेड़े खा कर
बुद्धि में निखार आता है
कुछ तो शिक्षा मिल ही जाती है
बीते कल के खट्टे मीठे अनुभवों से |
सफल इंसान है वही
जो जीवन के अनुभवों से कुछ सीखे
आने वाले कल की राह न देख
समय का पूर्ण  सदुपयोग करे |  
आशा
  

30 अगस्त, 2020

दुकान उलझानों की

                                        मन के किसी कौने में
लगी है  दुकान उलझनों की
मानों शहर के मैदान में
 सजी है दुकाने पठाकों की |
कब विस्फोट हो जाए
किसी को  मालूम नहीं पड़ता
 सब बच निकलना चाहते हैं
 इस बाजार से  पतली गली  से |
मन होकर रह गया है संचय स्थल
भरा हुआ कई समस्याओं से
अब तो  कील रखने की भी
 जगह नहीं है यहाँ |
हर ओर से ना का पहाड़ा
कोई आशा नहीं रही शेष
फिर कोई कहाँ जाए
दिल का बोझ उतारने को |

                                             

आशा