11 अक्तूबर, 2020

तस्वीर क्या बोले


                                           तस्वीर क्या बोलेगी  

वह तो मौन है

पर उसके नयना बोलते हैं

मन के भेद खोलते हैं |

उसकी अलकें चहरे पर

हवा से उड़ने लगती हैं

उसका मुख चूमने का

 प्रयास करने लगती हैं |

मन खुद  बेचैन हो उस ओर ही

झुक जाता हैं

सम्पुट कुछ कहना चाहते हैं

उसे प्रिय  की है तलाश

बहुत काल से |

                                                आशा

10 अक्तूबर, 2020

क्या कहने तुम्हारे वजूद के

 

क्या कहने तुम्हारे वजूद के
कभी एहसास ही नहीं होता
तुम्हारे अस्तित्व का
कहाँ गुम हो जाती हो
हलकी सी झलक दिखला कर |
समझ में नहीं आता तुम्हारा इरादा
यह कोई चुपाछाई का खेल नहीं है
हम अब बड़े होगए हैं
छोटे बच्चे नहीं है |
रहना है साथ बंधन से बंधे हैं
है तो कच्चे धागों का
पर मजबूती लिए है
समाज है गवाह इस बंधन का |
ऐसा प्यारा बंधन तुम्हें
क्यूँ रास नहीं आया
मुझे एहसास है बड़ा प्यारा
जीवन में नियामत सा मिला है |
तुम नहीं तो कुछ भी नहीं है
जीवन की रंगीनियों की
एक झलक भी दिल खुश कर देती है
तुम्हारी भीनी भीनी महक
मन खुशी से भर देती है |
आशा  
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तलाश खुशी की - हर समय की उदासी कैसे कोई सहन कर पाए जीवन में कुछ भी नहीं है जो वह कुछ भी सहन ना कर पाए | जितनी भी कोशिश...
Bankebihari Ojhà and Aditya Srivastava
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