मन अशांत
खोज रहा सुकून
चंद पलों का

जीवन राह
कठिन बहुत है
चल न पाए

मन कीपीड़ा
दुःख से भरी रही
जान न पाई
tSpgo

nndsor
 
किस कारण से है
न पहचाना
यशोदा माता
नन्द बाना पिता हैं
मेरे श्याम के

आशा