15 सितंबर, 2021

हम साहब तुम नौकर हमारे



 हम साहब तुम नौकर



हम साहब तुम नौकर हमारे

यह भाव कभी ना सफल हुआ है

जब भी देखा इस दृष्टिसे

मन में रोष पैदा हुआ है |

कैसी सोच उभरी थी मन में

अब सोच कर शर्मिन्दा हूँ

काश पहले से ही सचेत होते

झूठा अहम् न पालते

तभी जमीन पर टिक पाते

आँखें मिला कर जी पाते |

जब तक कुर्सी पर रहे आसीन
पहले विचार मन में होते

पर पद छिनते ही

सभी जमीन पर आजाते |

जब पहले भी अंतर न था जब बच्चे थे

फिर यह भाव उपजा ही क्यों

क्या यह तंग दिल होने का संकेत नहीं

ईर्षालू पैदा हुए हैं इस जरासे विचार से |

यह विचार था मिथ्या अभिमान

अब समझ में आया

पर अब पछताने से लाभ क्या

बीता समय लौट कर न आया |
आशा


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naornceedls
 

14 सितंबर, 2021

भाव मन के


 

कब कहा है

किसीने कब कहा

कहता गया 

प्यार से या रोष से

मालूम  नहीं

चेहरे के भाव ही

साफ नहीं हैं 

जब आते जाते हैं

दीखते नहीं  

मन की इच्छा चाहे

 आजाए आगे

कितनी बलवती

हो एहसास 

बदले तेवर का 

  भाव मन का  

अंदाज न लगता

लगाव लिए  

या प्यार में लिपटा  

सराबोर है  

भीगा तन मन है

बड़ी समस्या  

लगाव  अजीब सा 

 मन के भाव  

छूटे बाण मुंह  से 

निकल रहे  

जब मन को भेदते

चलनी होता

दिल टूटे कांच सा

 बिखर  जाता

प्यार लगाव न होता  

कुछ और  हो जाता |

13 सितंबर, 2021

अन्तराष्ट्रीय हिन्दी दिवस


 

हम हैं हिन्दीभाषी  

हिन्दुस्तान के रहने वाले

अनेकता में एकता

है यहाँ की विशेषता |

भिन्न भिन्न भाषाएँ यहाँ

सब की अपनी अपनी

पर सभी देशवासी

आदर करते सब भाषाओं का  

सामान रूप से  |

इसकी लिपि  है सरल

व्याकरण बहुत आसान

अन्य भाषाओं के शब्द भी

 घुलमिल जाते इस में

हो  दूध में पानी जैसे  |

सहज ही समझ में आते

उच्चारण कठिन न लगते

आपस में बात करने में

कठिनाई नहीं  होती |

अंतर राज्यीय हो तब भी

 कठिनाई नहीं होती

हमें गर्व है अपनी भाषा पर

पर अन्यों से भी बैर नहीं |

भाषा का सम्मान होता

उसके साहित्य से

भरा हुआ है ज्ञान का भण्डार यहाँ

उच्च कोटि के साहित्य से |

आशा