चलते चलो कदम बढ़ाओ
राह में रुकना नहीं
अनवरत चलो उत्साह
से
पीछे पलट कर न देखना
|
जब तुमने कुछ किया
ही नहीं
फिर मन को भय कैसा
खुद पर आत्म बल
और विश्वास रखो |
जब भी कोई गलत काम करते
हो
खुद का मन ही तुम्हें
कोसता है
ईश्वर का दण्ड अपने
आप ही मिलता है
प्रभु सब की निगरानी
करता |
कोई पुरूस्कार तुरंत
नहीं मिलती
लिख जाता है
भाग्य में
आवश्यक हो तभी मिलता
पुरूस्कार की आहट
होती रहती |
खुद के पाप पुन्यों
का निर्णय
होता है यहीं इस लोक
में
जन्म से खाली हाथ आए
हो
अब खाली हाथ ही
जाओगे |
साथ कुछ न ले जाओगे
अच्छे बुरे कर्मों
का लेखा जोखा
है परमेश्वर के पास
जाओगे स्वर्ग या नरक
में उसे सब पता |