हमारा राष्ट्र धर्म सबसे प्यारा हमें
हम उस पर न्योछावर जी जान से
कितने धर्मों को हम मानते समभाव रखते
पर राष्ट्र धर्म है विशिष्टऔर प्रिय हमें |
हमने मनाया अमृत महोत्साब धूमधाम से
बड़े उत्साह से किसी कमीं को न होने दिया
सब देशों ने सराहा भारत का सर ऊंचा किया
भारत का शीश ऊंचा हुआ समरद्ध देशों मेंसे|
यही हमारा उद्देश्य था और आज भी है
हैं देश के रखवाले सीमा के रक्षक हम
हमें गर्व है अपनी पसंदके कार्य पर
जो हम चाहते थे देश हित के लिए करना
आशा सक्सेना