काले दाग भी हैं चन्दा पर
ऐसा ही तुम्हारे कपोल पर
कहीं नजर न लग जाए |
काले कजरारे केशों की लट
आई जब
मुखमंडल पर
छाई बादलों की घटाएं
प्यारे से मुखड़े पर
चहरे का नूर दमकता है|
तुम जैसा कोई नहीं है
सादगी में सुन्दरता है
मुझे तुमसे अच्छा
कोई नजर ना आता|
कोई कमी निकालू कैसे
सपनों की दुनिया में
मन में खुशी हो जाती दोगुनी
जब सपना टूटता
मैं उदास होता जाता हूँ
तुम न जाने कहाँ खो जाती हो |
आशा सक्सेना