ना तुम बदले, ना हम बदले
पिछली बातों में क्या रखा है
क्यूँ न हम उन्हें भूल जायें
फिर से अनजान हो जायें
समय बदलाव लाता है
अनुभव भी कुछ सिखाता है
यदि रास्ता नहीं खोजा
साथ-साथ चलते ही रहे
जीवन एक रस हो जायेगा
जब नई राहें होंगी
बंधन कोई नहीं होगा
एक नई पहचान बनेगी
और जिंदगी कट जायेगी
वादा बस एक करना होगा
ना तुम मुझसे मिलना
और ना मैं तुमसे
इसी राह पर यदि चल पाये
फिर से अजनबी हो जायेंगे |
आशा
बहुत सुन्दर!!
जवाब देंहटाएंइसी राह पर यदि चल पाए,
जवाब देंहटाएंफिर से अजनवी हो जाएगे |
और फिर अजनबी से नई मुलाकात और सुखद हो
सुन्दर भाव
अनुभव के आधार पर लिखी गई एक प्रभावशाली रचना। आपको बधाई।
जवाब देंहटाएंसटीक -सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबधाई
बहुत बढ़िया रचना ! सुन्दर भाव और सशक्त अभिव्यक्ति ! बधाई !
जवाब देंहटाएंएकरसता से इंसान उब कर परिवर्तन चाहता है..इसी को इंगित करती आपकी रचना..बहुत से भावों को समेटे हुए
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत..खूबसूरत.
जवाब देंहटाएं***************************
'पाखी की दुनिया' में इस बार 'कीचड़ फेंकने वाले ज्वालामुखी' !
समय बदलाव लाता है ,
जवाब देंहटाएंअनुभव भी कुछ सिखाता है ,
यदि रास्ता नहीं खोजा ,
साथ साथ चलते ही रहे ,
जीवन एक रस हो जाएगा ,
--
अभिनव सन्देश देती बढ़िया रचना!
मंगलवार 29 06- 2010 को आपकी रचना "जब भी कोरा कागज़ देखा "... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है आभार
जवाब देंहटाएंhttp://charchamanch.blogspot.com/