09 मार्च, 2012

हूँ अधूरी तुम्हारे बिना



आज मैं मैं न  होती 
यदि तुम्हारा   साथ ना पाती
थी चाहत शिखर तक पहुँचने की
कदम भी बढाए
पर मंजिल  दूर बहुत |
आपसी सहयोग बिना
कुछ भी नहीं संभव
होते  पूरक एक दूसरे के
महिला और पुरुष |
हर सफल पुरुष के पीछे
 होता हाथ महिला का
महिला की प्रगति भी  असंभव
पुरुष के  सहयोग बिना |
जीवन की डगर
कठिन बहुत
चलते ही खो जाते उसी में
प्रतिभाएं सुप्त हो जातीं
 सफर तय करने  में  
पर तुम्हारा हाथ थाम
पहचाना स्वयं को
अपनी कर्मठता को
 सृजनशीलता को
 नए आयाम खोजे
समस्त अवरोध पार करने को   |
बंधन यदि हो कोइ
तब वह जीवन क्या
आज तुम्हारे सहयोग ने
दृढ संकल्प  बनाया मुझे
तभी कुछ कर पाई
हूँ अधूरी  तुम्हारे बिना |
आशा




07 मार्च, 2012

देखी एक समानता

नेता है आज का
स्वभाव भी बड़ा अनोखा
कभी हारता कभी जीतता
वर्चस्व की लड़ाई में
फिर भी कोइ
 शिकन न दिखती चेहरे पर
ना ही ग्लानि मन में
हार का मुंह देख कर |
देखी एक समानता
अभिनेता और  नेता में
अपने अपने चरित्र में
दौनों के खो जाने की
फिर भी एक विसंगति
दिखती चरित्र को जीने में |
अभिनेता खो जाता चरित्र में
मन से वही पात्र जीता
सजीव उसे बना कर रहता
पर नेता में कुछ न बदलता
ना ही  चिंता ना स्पंदित
था जैसा वही बना रहता
कोइ जीते कोइ हारे
फर्क उसे नहीं पडता
रहता हरदम  व्यस्त
अपना घर भरने में |
आशा


05 मार्च, 2012

चंद अल्फाज़ चाहिए

चंद अल्फाज़ चाहिए 
हालेदिल बयां करने को
है तलाश सुर की 
हृदय को टटोलने को
साजिन्दे तो मिल ही जाएगे 
संगत के लिए 
पैर भी थिरकने लगेंगे 
धुन पर संगीत के 
पर खोजती हूँ वह कौना 
एक  ऐसे मन का 
जहां कुछ देर ठहर पाऊं 
बातें अपने दिल की 
सांझा कर पाऊं
चुने हुए अल्फाजों में 
कुछ उसकी सुनूं 
कुछ अपनी कहूँ 
साँसें बोझिल ना रह जाएँ 
अपना मन हल्का कर पाऊं 
उसकी पनाह नें |
आशा