दो नैनों के
नीले समुन्दर में
नीले समुन्दर में
तैरती दो सुरमई मीन
दृश्य मनमोहक होता |
पर जब लहरें उमड़तीं
पाल पर करतीं वार
अनायास सुनामी सा कहर टूटता
थमने का नाम नहीं लेता !
है ये कैसा मंज़र
न जाने कब
नदी का सौम्य रूप
नद में बदल जाता |
अश्रु पूरित आखों से
जल का रिसाव कम न होता
अश्रु पूरित आखों से
जल का रिसाव कम न होता
हृदय विदारक पल होता
जब गोरे गुलाबी कपोलों पर
अश्रु आते, सूख जाते
निशान अपने छोड़ जाते !
आशा