इंसान वही रहता है
बस हालात बदल जाते हैं |
बस हालात बदल जाते हैं |
बचपन में जब  था  
आश्रित माता पिता पर
आश्रित माता पिता पर
हर कार्य के लिए
निर्भर
हुआ करता था उन पर |
हुआ करता था उन पर |
वय  के साथ बढ़ी
जब से आत्मनिर्भरता
जब से आत्मनिर्भरता
बदला सोच का दायरा
हर बात में परिवर्तन आया |
हर बात में परिवर्तन आया |
कभी जो अत्यंत  प्रिय हुआ करते थे
हुई दूरियां उनसे
हुई दूरियां उनसे
अधिक प्रिय गैर लगने
लगे 
अब अपने हुए पराए |
अब अपने हुए पराए |
बहुत सोचा विचारा  
पर कारण तक पहुँच न पाया
पर कारण तक पहुँच न पाया
 समझ ना पाया ऐसा हुआ क्या ?
क्या किशोरावस्था हावी हुई ?
क्या किशोरावस्था हावी हुई ?
स्वभाव में उग्रता
आई
अपनों की सलाह रास न आई
अपनों की सलाह रास न आई
यौवन आते ही बढ़ा
आकर्षण 
बड़े प्रलोभनों ने भरमाया |
बड़े प्रलोभनों ने भरमाया |
माया मोह में फंसता
गया
मन स्थिर ना रह पाया
मन स्थिर ना रह पाया
जीवन के अंतिम पड़ाव
पर
मन मस्तिष्क में बैराग्य आया|
मन मस्तिष्क में बैराग्य आया|
 हर कार्य ईश्वर पर छोड़ा
मन के अन्दर झांका
मन के अन्दर झांका
 अपने आप को 
आत्मनिरीक्षण करता पाया |
थामाँ आस्था का आँचल
आत्मनिरीक्षण करता पाया |
थामाँ आस्था का आँचल
 कसौटी  पर जब  परखा खुदको 
समय के साथ वह खुद
नहीं बदलता 
हालात बदल देते उसको |
हालात बदल देते उसको |
                              आशा 


