18 मार्च, 2020
17 मार्च, 2020
मिलावट
मिलावट -आज के युग में जहां देखा वहीं है मिलावट
कोई नहीं बचा इसकी मार से
जहां जहां पड़े पैर शुद्धता के
मिलावट ने गर्दन पकड़ी पीछे से
|
जब गेहूं लाए आटा पिसवाया
जल्दी में बीना नहीं ठीक से
इतनी किसकिसाहट आटे में थी
कि वह कूड़ेदान के हुआ हवाले |
खाने की सामग्री हो या कीमती
धातु हों
दवाइयां हों या अन्य उपयोग की वस्तुएं
कोई नहीं बचा इससे
सारा बाजार भरा हुआ है मिलावटी सामग्री से |
यहां तक कि भाषा भी नहीं बची
मिलावट से
दो भाषाएँ मिलाकर बात जब तक न
हो
कहना सुनना पूर्ण नहीं होता
लगता है कहीं कुछ कमी रह गई है|
विचार स्पष्ट नहीं हो पाया
फिर से कोशिश होती है
टूटे फूटे आंग्ल शब्दों में
अर्थ समझाने की |
अर्थ समझाने की |
अब तो अलग अलग विचारधारायें
भी
हैं प्रभावित एक
दूसरे के सत्संग से
चार दिन का साथ बदल देता है
सोच का ढंग आम आदमी का |
प्राकृतिक संपदा भी नहीं अछूती इससे
नदियों में गंदे नालों के जल की मिलावट
वायु में प्रदूषण रसायनों का
सांस लेना हुआ दूभर मनुष्य का
|
सारी दुनिया हुई त्रस्त आधुनिकता के जाल से
कोई तो स्थान हो जहां मिलावट ने न डाला हो डेरा
भगवान के मंदिर को भी नहीं छोड़ा उसने
प्रसाद में भी मिलावट की बहुत
सरलता से |
आशा
16 मार्च, 2020
साँसें
साँसों से जुड़ा है
जीवन का एक एक पल
दिन रात क्षय होती साँसें
चंद लम्हे भी जुड़े हैं जिनसे |
जो यादों में समाए हुए है
वे खट्टी मीठी यादें
गहराई तक पैठ गईं मन में
तभी तक स्मरण रहती हैं
जब तक साँसें रहती हैं |
फिर एक ऐसा पल आता है
साँसे हो जाती है विलुप्त
जो कि है चिर अपेक्षित
तभी कहा जाता है साँस है तो आस है|
हर साँस में एक आशा समाई है
हैं वे बहुत भाग्यशाली
जिन्होंने जिन्दगी का
हर पल जिया
है |
हर साँस का आनंद लिया है
साँसों को गिन गिन कर
जीवन से पूरा हिसाब लिया है
जिन्दगी को भरपूर जिया है |
आशा
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