गुर स्वावलंबी होने का
पिता ने बलवान बनाया
'निडर बनो '
यह पाठ सिखाया
बड़े लाड़ से पाला पोसा
व्यक्तित्व विशिष्ट
निखर कर आया
बचपन से ही सुनी गुनी
कहानियां बहादुरी की
देश हित उत्सर्ग की
मन में ललग जगी
सेना में भर्ती होने की
दृढ़ निश्चय रंग लाया
सिर गर्व से उन्नत हुआ
की सरहद की निगहवानी
अब हमारी सरहद को
कोई कैसे लांघ पाएगा
आत्मबल से आच्छादित
रक्षा कवच दृढ़ता का
कोई कैसे तोड़ पाएगा |
आशा