16 दिसंबर, 2023

आखिर कब तक राह देखते

 उसने वादा किया थाऔर न लौटा 

 मुझे धोखा दिया 

कहाँ खोजूं कहाँ जाऊं 

उसको खोजने  के लिए |

उसने जो पता बताया था

 फोन नम्बर दिया था 

वे दौनों  तो झूटे निकले  |

वहां जाकर पूंछा लोगों से

 कोई बता न पाया 

मन बहुत  बोझिल हुआ 

फिर खोजने का मन नहा |

जब गंभीरता से सोचा 

अपने से प्रश्न किया 

उसे ही हल करना चाहा 

तब असलियत जान पाया |

कितनों को गुमराह किया था उसने 

 |जाने कितनों को गुमराह किया था उसने 

उसका सच कोई नहीं जान पाता था |

सभी को गुमराह

 कर देता था वह अपनी मीठी बातों से

 जब उसे खोजा जाता  

उसका कोई पता नहीं मिल पाता था 

लोग खोजते रह जाते थे  |

राह देख हार जाते  थे 

उम्मीदों पर कैसे टिकते 

बहुत दुखी होते थे 

आखिर कब तक राह देखते  |

आशा सक्सेना 

15 दिसंबर, 2023

अजनवी कहाँ से आया

 

अजनवी कहाँ से आया 

किसके पास ठहरा 

किस कारण से

 किसी ने ज़रा भी ध्यान न दिया|

उसने केवल अपना मतलव साधा

यह भी किसी को न बताया

आगे बढ़ने लगा 

मुस्कान  से आनन भरा|

खुशी भरी हर अंग पर

कारण कोई भी जान न सका

कितना भी जानना चाहा

वह चल दिया  |

नहीं किसी ने ध्यान दिया

लिया दिया कुछ तो रहा

उसकी यादों में एसा  बैठा  

निकल न पाया |

सारी बाते मन में बसी

कैसे उनसे बचा जाए

कोई उपाय न हो पाए

वह घबराए बेचैन हुआ जाए |

आशा सक्सेना

हाइकु

 १- पहले  कभी 

न कोई  चाह रही 

     मैं खो गई 

२ -यादों का होना 

जरूरी नहीं होता 

यदि  काम हो 

३-है आवश्यक 

मन की व्यस्तता है 

रिक्तता  नहीं 

४-ममता हुई 

उसे न भूल पाई

 यही है सत्य 

५- कैसे मकान 

 रहवासी के बिना 

आत्मीयता के 

६-यह प्यार है 

कोई जुलम नहीं 

मिलन होना  

आशा सक्सेना 


14 दिसंबर, 2023

कागज़ और कलम

 

कोरा कागज़ है मन मेरा

स्याही भी नहीं है लिखने को

पर चाहत है मन में आए  

 विचारों  को कलमबद्ध करने की

 कागज़ पर उतारने की |

कहीं यदि स्याही मिल पाई

 यदि इसमें  सफल हो पाई  

मन में अपार शांती आएगी  

 मनोकामना पूर्ण हो जाएगी |

यदि ऐसा नहीं हो पाया

मन में बेचैनी बढ़ेगी

जीवन अधूरा रह जाएगा

कभी संतुष्ट न हो पाएगा |

स्याही न मिलने पर

कोई तो लेखनी मिलेगी

जिससे अपने भाव लिख कर

अधूरा स्वप्न पूरा हो पाएगा |

आशा सक्सेना


13 दिसंबर, 2023

उसका मनमीत

 

उसका मनमीत

खुश हाल जिन्दगी के लिए

चाहिए उसको  कोई हमसफर

जो सूरत और सीरत में

 उससे कम न हो |

वह  जो चाहे उस जैसा ही करे

उसके मन को ठेस ना पहुचे

वह  उसे मन का मीत कहे

उस जैसा प्यार कोई ओर न कर पाए |

वह हो उसकी प्रथम जरूरत

दूसरा कोई ओर ना हो उस जैसा

कोई उससे तुलना में आगे न हो

यही है चाह उसकी |

तभी अभी तक कोई ना मिला  

उसने जैसा चाहा  

 उसकी जिन्दगी रही  अधूरी

 मनमीत के बिना |

उम्र बीती इच्छा मरी

मन में प्यार न उपजा

जीवन हुआ सूखा वृक्ष सा

कोई चहकता पक्षी न आया |

जीवन हुआ बेरंग

कोई समझ ना पाया

दो प्रकार से जीवन बीता

एक के ऊपर एक मुखोटा जैसा |

आशा सक्सेना

11 दिसंबर, 2023

किसी के प्यार को तोला नहीं का सकता

 

किसी के प्यार को तोला  नहीं जा सकता

कोई नाप नहीं उसे मापने के लिए

जिसने भी यह कोशिश की वही मात खा गया

यह तो एक आतंरिक भावना है |

 जो बिना मतलव के  उत्पन्न होती है

 जिसे दिल से केवल अनुभव किया जाता है

यदि दिल को आभास हुआ थोड़े से झुकाव का

समझ लो प्यार हुआ वरना सब दिखावा है |

सच्चे प्यार को जब चुनते हैं दिल और दिमाग

 दिमाग दौनों का उपयोग है आवश्यक प्यार के लिए

केवल मीठी बाते नहीं कह पातीं मन क्या चाहता

कभी कटु भाषी भी प्यार करता है |

 उसे शब्द नहीं मिलते भावनाओं को दर्शाने के लिए

यहीं जा कर वह हार जाता है प्यार को दर्शाने में

क्षेत्र में  कभी तो सफलता मिलेगी उसे  | 

|सारी जिन्दगी एक ही कार्य करने से

मन कभी बोझिल हो जाता है

यदि कोई बदलाव नहीं किया

मनो स्थिति

 


 मन कभी  स्थिर नहीं रहता

किसी से दुःख बांटना नहीं चाहता  

यदि कोई ऐसा मिल जाए तो क्या बात है

 मन को तो सहारा चाहिए |

 किसी बात से जब मन दुखी हो जाता है

 वह एकांत चाहता है यदि वह नहीं मिले  

तब मन  ऐसा अभिन्न मित्र चाहता है जो

उसे समझ सके अपनी बात समझा सके |

अपनी बात स्पष्ट ऐसे कर सके 

उसे समझा सके जिससे 

वह पूरी तरह उसके 

मन में उतर पाए|

उसका असंतोष कहीं खो जाए 

उसके आनन पर प्रसन्नता आए

उसकी  ख़ुशी की  झलक 

 चहरे पर आए

आशा सक्सेना