उसने वादा किया थाऔर न लौटा
मुझे धोखा दिया
कहाँ खोजूं कहाँ जाऊं
उसको खोजने के लिए |
उसने जो पता बताया था
फोन नम्बर दिया था
वे दौनों तो झूटे निकले |
वहां जाकर पूंछा लोगों से
कोई बता न पाया
मन बहुत बोझिल हुआ
फिर खोजने का मन नहा |
जब गंभीरता से सोचा
अपने से प्रश्न किया
उसे ही हल करना चाहा
तब असलियत जान पाया |
कितनों को गुमराह किया था उसने
|जाने कितनों को गुमराह किया था उसने
उसका सच कोई नहीं जान पाता था |
सभी को गुमराह
कर देता था वह अपनी मीठी बातों से
जब उसे खोजा जाता
उसका कोई पता नहीं मिल पाता था
लोग खोजते रह जाते थे |
राह देख हार जाते थे
उम्मीदों पर कैसे टिकते
बहुत दुखी होते थे
आखिर कब तक राह देखते |
आशा सक्सेना
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