शासन की डोर न सम्हाल
सके
सारे यत्न असफल रहे
मोह न छूटा कुर्सी
का
क्यूंकि लोग सलाम कर रहे |
ना रुकी मंहगाई
ना ही आगे रुक पाएगी
अर्थ शास्त्र के
नियम भी
सारे ताख में रख दिए |
अर्थशास्त्री बने
रहने की लालसा
फिर भी बनी रही
जहाँ भी कोशिश की
पूरी तरह विफल रहे |
सत्ता से चिपके रहने
की
भूख फिर भी न मिटी
कुर्सी से चिपके रहे
बस नेता हो कर रह गए
|
आशा