सजाया सवारा 
मुझे बदल कर रख दिया 
जी चाहता है 
चूम लूं उन्हें 
समेत लूं अपने आप में 
प्यार दुलार का 
यह फलसफ़ा
समझ से है बाहर मेरे 
एहसास तब न था उसका 
आज है पर पूरा नहीं 
जी चाहता है 
अ ब स उसका 
जान लूं गहराई से 
तभी उसे समझ पाऊंगा 
खुद को उसके 
समीप पाऊंगा 
जी चाहता है समय 
व्यर्थ न जाए 
वह थम जाए 
मुझे उसतक पहुँचाए |
आशा 


