कितना सताओगे सब से झूट बोलोगे
तुम्हें यह भी ख्याल नहीं
कि यह गलत होगा
तुम्हारा अपने आप से धोखा होगा
सब की निगाहों से भी गिर
जाओगे |
यह कैसी ईमानदारी है कि खुद को धोखा दोगे
अपने आप से भी झूठ बोलोगे
बच्चों को भी यही सिखाओगे
ईमानदारी की शिक्षा न दोगे
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उनके नन्हें मस्तिष्क में यही
प्रपंच डालोगे
उन में संस्कार का अभाव
पैदा करोगे
यह मत भूलो कि वे कल के
नागरिक होंगे
संस्कृति के पुरोधा होंगे |
होंनहार बनके अपना कर्तव्य
निभाएंगे
देश के प्रति अपना जो कर्तव्य होगा
उसे बहुत शिद्दत से
निभाएंगे
देश को प्राथमिकता देंगे अपने वादे से न हटेंगे|