यत्र तत्र बिखरी प्रतिभाएं 
अपनी पहचान बना ना पातीं 
आगे आना चाहतीं 
पर सही मार्ग  चुन न  पातीं |
एक खोजी नजर चाहिए उनको 
अपनी पहचान बनाने को 
उन्हें परवान चढाने को 
सब के समक्ष लाने को |
जब नजर पारखी धोखा न खाए 
पूर्ण पारदर्शिता अपनाए 
तभी न्याय उनके संग होगा 
प्रतिभा में निखार होगा |
ऐसी प्रतिभा नायाब होगी 
गहराई तक छू जाएगी 
छाप ऐसी छोड़ जाएगी 
बरसों बरस याद की जाएगी |
आशा
आशा
