खेतों के उस पार
अस्ताचल को जाता  सूरज 
वृक्षों के बीच छिपता छिपाता 
सुर्ख दिखाई देता सूरज | 
पीपल के पेड़ पर 
पक्षियों ने डेरा डाला 
कलरव सुनाई देता उनका 
फिर अचानक शान्ति हो गयी 
उनकी रात हो गयी |
अब घरों की छत पर 
शाम उतर आई है 
आसमान भी हुआ धूसर 
पर छत पर बहार आई है |
बच्चे कर रहे धमाल 
तरह तरह के करतब करते 
नए नए गानों पर थिरकते
चेहरे पर थकान का नाम नहीं |
मस्ती ही उनका वैभव 
यह जीवन लौट कर न आएगा 
यादों में समा जाएगा 
बचपन की सौगात सा | 
आशा 

