11 अप्रैल, 2020

वह अकेली





                                      दूर देश से आई चिड़िया
बसेरे की तलाश में
 पर कठिन मार्ग में भटकी
समूह से अलग हो कर |
सब से बिछड़ कर
थी उदास पाकर अकेला खुद को
इस अजनबी दलदल में
अब सब  की याद सता  रही थी |
ऊपर आसमान विशाल
उड़ने की ताकत न रही
 थक गई  थी चाहती थी विश्राम |
नीचे कीचड़ दलदल में
न जाने हो कितनी गहराई उसमें
दोनो ओर जा नहीं सकती
अपनी जान बचा नहीं सकती |
फँस गई है संकट में
किसे चुने व्योम को या दलदल को
एक ओर कुआ  दूसरी ओर है खाई  |
एक वृक्ष के सहारे
 कब तक रहेगी वहां
यूँ भी है अकेली
कैसे बिताएगी जीवन यहाँ |
जब तक रही झुण्ड में
तब भी थी नाराज
ज़रा ज़रा सी बात पर
रूठ जाती थी क्रुद्ध हो जाती ही |
 ईश्वर ने देखा है 
असंतुलित  व्यवहार उसका
सुधरने के लिए ही  ऐसी
नसीहत दी है उसको |
अपनी  दुनिया से हुई दूर अब
 पछ्ता कर अपने में सुधार ला रही है
 पर बहुत देर  हो चुकी है  अपनों से दूर हुए 
 है उसका अंत यहीं अब तो  |
आशा

09 अप्रैल, 2020

सच्ची राष्ट्र भक्ति



है आज की प्राथमिकता
समाज की एक जुटता
प्रशासन को  सहयोग 
देना  तन मन धन से |
 बड़े छोटे में भेद भूल
जाति में विभेद न कर
 हो मानवता सर्वोपरी  
तभी लक्ष्य पूरा होगा
 इस महामारी को हराने का|
 प्रथम कर्तव्य हमारा है 
 आपसी तालमेल से
 देश को सुदृढ करना
आपस में न उलझना | 
 सरकारी  योजनाओं की सफलता में
निजी स्वार्थ से ऊपर उठ कर
सच्चे मन से योगदान  करना  
 जातिगत भेदभाव से दूरी रख कर 
निस्वार्थ हो पूरी लगन से सेवा करना |
 डाक्टरों व उनके सहयोगियों ने
जी जान लगा दी है मानव  सेवा में 
दिन देखा न रात
पुलिस कर्मियों ने की मशक्कत
स्वच्छता कर्मियों  ने भी
 पूरा दिया योगदान है |
वे  हैं सम्मान के हकदार
 और बधाई के हैं पात्र
 नियमों के दायरे में रहकर
 सरकार के हाथ मजबूत करना है आवश्यक|
 इस  कठिन दौर से गुजरने के लिए
आपदा से निजात पाने के लिए  
ऐसी परिस्थितियों  से उभरने  के लिए
है यही  सच्ची राष्ट्र भक्ति |
यदि  इस समस्या से बाहर निकलने  के लिए 
दिए हर निर्देश  का पूर्ण रूप से  पालन कर 
निर्दिष्ट  मार्ग पर चल कर 
आपदा प्रबंधन में सहभागी  होना होगा  |
आशा