हिमाचल और मैना ने
की कठिन तपस्या पर्वत पर
पार्वती पा धन्य हुए
पूरी हुई आकांक्षा |
खेली कूदीं बढ़ने लगीं
समय कहीं पीछे छूटा
बढ़ती पुत्री की वय देख
जागी जामाता पाने की इच्छा |
हिमाचल ने बात चलाई
बहुत से रिश्ते आए
पर शिव सा कोई न था
भोले को पाना सरल न था |
शिव जी को पाने के लिए
कठिन तपस्या करने चलीं
पर्ण तक का त्याग किया
अपर्णा तभी वे कहलाईं |
शिव आए उन्हें व्याहने
अद्भुद बरात अपनी लाये
भूत प्रेत आदि सजे थे
अपने अपने रंग में |
जब देखी बारात ऐसी
बच्चे तक भयभीत हुए
सोचा लोगों ने भारी मन से
क्या सोच दिया बेटी को |
शिवजी थे नंदी पर सवार
अद्भुद छटा थी उनकी
रूप रंग साज सज्जा में
कोई सानी न थी उनकी |
दौनों बंधे अटूट बंधन में
शिव रात्रि के अवसर पर
सबने दिया आशीष उनको
जीवन सुखमय होने को |
आशा