15 दिसंबर, 2018
क्या चाहते हैं ?
चाहते हैं बर्फ ही
बर्फ हो आसपास
अवसर मिला है क्यूँ न
लाभ उठाएं
टिकिट
बुक करवाया
बहुत उत्साह से
पर मित्र बदल गया
उसे
ठण्ड रास नहीं आती
कह कर कन्नी काटली
अब क्या किया जाए
परेशान
हाल है
चाहत नहीं यात्रा नकारने
की
दूसते से साथ
चलने को कहा
उसने
भी नकार
दिया
दिल बहुत दुखा
पर तब भी जाने
का
अवसर नहीं छोड़ा
जो चाहते थे
पा कर
ही दम लिया
साथ एक बुजुर्ग का किया
उन ने मेरा मन रखा
मैंने भी सच्चे मन से
उनकी
सेवा
करने का
प्रण
लिया मन में
दौनों साथ हो लिए
यात्रा का आनन्द भरपूर लिया
जो चाहा उसे पा लिया
आज भी वह बर्फवारी
का आनंद
मन में बसा है
हमउम्र न थे फिर भी
खूब
आनंद लिया||
13 दिसंबर, 2018
इन्तजार
रोज रोज एक ही काम
इन्तजार इन्तजार इन्तजार
दुनिया कहती
हमें कुछ हो गया है
पर यह सच नहीं है
हम तो पूरी शिद्दत से
दरवाजे पर निगाहें
जमाये रहते हैं
सुबह और शाम
दुनिया कुछ कहे यदि
रास नहीं आता
हमारा यह रवैया
नहीं करते परवाह
दुनियावालों की
हम कल भी इंतज़ार करते थे
आज भी करते हैं
और करते रहेंगे कल भी
चाहे कोई कुछ भी कहे
हमें बदल न पाएगा
आखिर हम से हार जाएगा
आशा
12 दिसंबर, 2018
कहाँ से कहाँ तक
न जाने कितने
पड़ाव पार कर गए हैं
और न जाने कितनों का
और न जाने कितनों का
इन्तजार है आज
यह भी खोज न पाए अभी तक
यह भी खोज न पाए अभी तक
पूरी नहीं हुई गिनती
न जाने कितने दिन बीत गए हैं
और न जाने कब तक
जीने का प्रलोभन रहेगा
भार सलीब का सहना होगा
सारे कार्य हो गए पूर्ण
कोई अरमा भी शेष नहीं
फिर क्यूँ धरती का बोझ
बढ़ाने के अरमान रहे शेष |
आशा
कमल का पीछा (चित्र पर चंद लाइनें )
१२-१२-२०१८
चित्र पर लिखी गई चंद लाइनें-
कमल ने खुदको अकेला पा
हौले हौले कदम बढाये
पीछे से अवसर पाकर
पंजे ने धक्का दिया
कमल को धूल चटाई
तब भी संतूष्ट न हुए
तो कीचड़ में डूबकी खिलवाई
फिर भी स्पष्ट न कर पाए
देश हित के लिए
कौनसी योजना है कारगर
हो जो सब के हित के लिए
सत्ता की भूख है इतनी कि
सारे जोड़ तोड़ लगा ही लेते हैं
चुनाव जीत ही लेते हैं |
आशा
09 दिसंबर, 2018
हाइकू
१-मौसम ठंडा
कांपता है बदनकम्पित मन
२-सहज भाव
चहरे पर दीखते
आइना वही
चहरे पर दीखते
आइना वही
३-अविराम है
विचारों में बहना
नीरव जल
विचारों में बहना
नीरव जल
४-मुस्कान तेरी
मधुर चंद्रमुखी
जीत ले गई
५-नीर छलका
आखों की कोर नम
न जाने कैसे
६-खुली आँखों से
६-खुली आँखों से
देखे गए सपने
सभी ना सच
७-ख्याली पुलाव
उतना नहीं स्वाद
जो सच में हो
८-सपना टूटे
मन सबसे रूठे
शिकवा करे
आशा
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