Akanksha -asha.blog spot.com
13 नवंबर, 2009
दिया
कण कण रौशन किया दीये ने ,
घर का तम हर लिया दीये ने
अपना जलना भूल दीये ने,
किये न्यौछावर प्राण दीये ने |
आशा
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