मीरा ने घर वर त्यागा 
लगन लगी जब मोहन में
 विष का प्याला पी लिया 
शीष नवाया चरणों में |
सूर सूर ना रहे
कृष्ण भक्ति की छाया में
सूर सूर ना रहे
कृष्ण भक्ति की छाया में
सारा जग कान्हां मय लगता 
तन मन भीगा उनमें  |
तुलसी रमें राम भक्ति में 
रामायण रच डाली 
राम रसायन ऐसा पाया 
भक्ति मार्ग अपनाया |
एक रूप प्रेम का भक्ति 
लगती बड़ीअनूप 
नयन मूँद करबद्ध हो 
जब शीश झुके प्रभु चरणों में |
आशा