आधुनिकता की दौड़ में 
पिछड़ने से डरते 
दुनिया की चकाचौंध में 
अपना वजूद खोजते |
दूसरों की होड़ में 
उधारी में फंस जाते 
असंतोष में जीते 
वर्तमान भी बिगाड़ते |
एक धरा दूसरा आसमान 
हो दौनों की क्या तुलना 
तुम लोनची  वो लोन  फ्री 
 सोच भिन्न दौनों का  |
तुमने पैर पसारे 
अपनी चादर के बाहर 
वो छोड़ नहीं पाया
 अपनी चादर की हद |
वर्तमान में  कठिनाई 
भविष्य सुरक्षित रखतीं 
खुश हाल जीवन होगा 
यही सुनिश्चित करतीं |
जो केवल लोन  पर जीता 
सदा  समस्याओं से घिरा 
हंसना तक भूल जाता 
जीवन को बोझ समझता |
लेनदेन की चिंता में 
शरीर सुख भी जाता 
चिंता चिता सामान
 सत्य नजर आता |
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