ना कभी पलट कर देखा ना
कभी शक को पाला
किया वही जो मन को भाया
इससे ना इनकार किया |
सही गलत का ख्याल
मन को भयभीत नहीं करता
ना कभी पलट कर देखा ना
कभी शक को पाला
किया वही जो मन को भाया
इससे ना इनकार किया |
सही गलत का ख्याल
मन को भयभीत नहीं करता
ना चाह ना किसी की आस की
जब देखा आसपास बड़ी निराशा हुई
मन पर गिरी गाज जब भी
पंख फैला उड़ना चाहा |
चेहरा बुझा बुझा सा हुआ
अरमानों का निकला जनाजा
आशा निराशा में बदली
किसी खोज का अंत न हुआ |
थोड़े समय के लिए ही सही
पर मन की बेचैनी कम न हुई
खूब खाया घूमें घामें पर
प्रभाव कुछ न ख़ास हुआ |
हर बार मन ने नियंत्रण खोया
फिर भी रही तसल्ली
बहुत खोया पर कुछ तो पाया
यहीं मुझे भगवान् नजर आया |
यूँ तो कभी दिखाई न दिया
पर प्रभू का समदर्शी नाम
यूँ ही नहीं हुआ
बहुत सार्थक नाम दिया भक्तों ने
दिल से उसे अपनाया |
आशा
कहाँ कहाँ खोजूं तुम्हें
यह कैसी शरारत है
क्या कोई काम नहीं मुझको
केवल तुम्हें ही खोजना है |
कितनी बार समझाया है
मुझे यूँ न सताया करो
मेरा समय बरबाद न करो
पर तुम सुनते ही नहीं हो |
यह कौनसा तरीका है खेलने का
यदि भूले से पैर फिसला
चोट लगी तो क्या होगा
आगे पीछे की सोच को उड़ान दो |
सम्हल जाओ पढाई पर ध्यान दो
समय हाथ से फिसल गया यदि
बापिस लौट के न आएगा
तुम यहीं रह जाओगे
आज की दुनिया से बहुत पीछे |
आशा
फिर न कहना कि
मुझे तुमसे प्यार नहीं है
झूठे वादे किस्से कहानी
मुझे स्वीकार नहीं हैं|
मन का कहा ही मैंने
स्वीकार किया है यह किसी की
जोर जबरदस्ती नहीं है
कहने सुनने को कुछ भी नहीं है |
प्यार एक ऐसी भावना है
जो किसी के कहने से नहीं होता
अपने आप जन्म लेता है
जब मन से नहीं उपजता
जाने कहाँ गुम हो जाता है |
कभी सोच कर देखना
यह किसी से जबरन नहीं किया जाता
कभी आकर्षण प्यार के धोखे में
मात्र एक एहसास ही हो कर रह जाता |
यह कोई छलावा नहीं है
सच्चे दिल से उपजा भाव है
पल पल में बदला नहीं जाता
यह कोई वस्तु नहीं जिसे जो चाहे चुराले |
है यह मन की गहराई से उपजा
चाहे इसे कोई नाम दिया जाए
बस प्यार तो प्यार है
किसी नाम का मोहताज नहीं है |
आशा
क्या तुमने किसी से प्यार किया है
किया है तो कब और कहाँ ?
सोच विचार कर बताना
वह कैसा प्यार था भक्ति प्रेम या आकर्षण |
तुमने जीवन की कितनी सीडियां चढ़ी हैं
किस मार्ग पर कदम लड़खड़ाए तुम्हारे
यह तो याद रहा होगा पर सही उत्तर देना
गुमराह नहीं करना खुद के मित्रों को |
मुझे जानना है की क्या
मेरा सोचने का तरीका है सही
या कहीं कमी रही है मेरी सोच के तरीके में
फिर खुद को तोलना है क्या कमी है मुझ में |
मेरे कदम सही पड़े या नहीं
यह तो कोई और ही बता पाएगा
खुद का निर्णय सही है तो किस हद तक
अभी मैंने सोचा नहीं है |
है आत्मविश्वास मुझे खुद पर
कि मेरा निर्णय गलत नहीं होता
सही मार्ग पर चलने की कला
बचपन से ही है याद मुझे |
सोच रही हूँ कि
मैं सही हूँ या गलत कौन मुझे समझाए |
आशा