हरियाली है आवश्यक
 पर्यावरण बचाने के लिए 
 शुद्ध वायु का महत्व वही जानता
 
जिसे घुटन भरे वातावरण में जीना होता |
हरे भरे वृक्षों के नीचे खेलना
 कितना सुखकर होता
 बालक
मन ही पहचानता 
गर्मीं में पंथी को छाया देते वृक्ष |
बहुत बेरहमीं से अनवरत  उन्हें काटना 
 ईंधन
की तरह उनका  अती का  उपयोग  
 इमारत बनाने में बल्लियों का उपयोग हो या 
 लकड़ी का सामान बनाने को होती आवश्यक  लकड़ी |
 निजी
स्वार्थ में लिए अत्यधिक दोहन से 
प्राकृतिक संतुलन को नष्ट किया है मानव ने 
नदी किनारे से काटे  गए वृक्षों  से होती तवाही 
 वर्षा से किनारे कटते बहा  ले जाते मिट्टी को |
किनारों की  मिट्टी बंधी नहीं रह पाती 
 पेड़ों की जड़ों  के ना होने से
 बहती नदी का प्रवाह धीमा होता 
नदियां उथली होती जातीं मिट्टी के जमने से |
जल में मिलती  गंदगी नालों की 
बड़े  कारखानों
का अपशिष्ट भी वहीं मिलाया जाता  
जल दूषित होने से पर्यावरण कैसे स्वच्छ रह पाएगा  
तभी कहा जाता  वृक्ष लगाओ पर्यावरण बचाओ |
निजी स्वार्थ से ऊपर उठ कर सोचो 
एक तो बढ़ती जनसंख्या तले देश दबा  है 
 दूसरा निजी स्वार्थों के लिए
 अति का दोहन संसाधनों का हुआ है |
प्रकृति कब तक साथ देगी
 वह भी तो विद्रोह
करेगी   
तभी तो यह बुरा  हाल हुआ है पर्यावरण का 
है मनुष्य ही जिम्मेदार इस स्थिती  तक पहुँचने का
|
मानव की लापरवाही से कैसे बचा जाए 
प्रकृति के अनावश्यक दोहन से कैसे उबरा जाए 
किस  तरह सामंजस्य स्थापित हो दौनों में 
हो गया है अब आवश्यक इस पर विचार हो |
आशा