आज है गुरू पूर्णिमा 
सभी गुरूओं  को है  नमन मेरा  
सागर से गहरा कोई नहीं 
माँ के दिल की गहराई 
किसी ने नापी नहीं 
माँ की ममता की कोई सानी  नहीं 
हमारी भलाई किसी ने जानी नहीं 
केवल माँ ने ही हाथ आगे बढाए 
जैसी भी  हूँ मुझे थामने के लिए
प्रथम गुरू माँ  को  मेरा
प्रणाम 
मेरा जीवन सवारने को
 सही
राह दिखाने के लिए 
खुश हाल जिन्दगी जीने के लिए
 मेरे मार्ग दर्शक को मेरा  नमन   
है आज गुरू पूर्णिमा मेरे गुरू को 
मेरा शत शत नमन |   
आशा 

सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (7 -7 -2020 ) को "गुरुवर का सम्मान"(चर्चा अंक 3755) पर भी होगी, आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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कामिनी सिन्हा
सूचना हेतु आभार कामिनी जी |
हटाएंगुरू पूर्णिमा पर रची गई सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद सर |
उन सभी गुरुओं को हमारा भी नमन जिन्होंने हमारे व्यक्तित्व को सँवारा, निखारा और यह रूप दिया जिसे लोग हमारे नाम से जानते हैं ! गुरु पूर्णिमा की हार्दिक बधाई !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
हटाएंगुरुओं को समर्पित रचना
जवाब देंहटाएंनमन
गुरुओं को समर्पित मन के स्नेहिल भाव !!!!आपको गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं आशा जी |
जवाब देंहटाएंआपको भी गुरूपूर्णिमा की शुभकामनाएं |टिप्पणी के लिए धन्यवाद रेणु जी |
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