फूल और कांटे एक साथ रहते 
कभी साथ न छोड़ते 
भ्रमर तितलियाँ गातीं गुनगुनातीं 
पास आ मौसम का आनंद उठातीं |
जब भी पुष्पों पर आता संकट
कंटक उनकी करते रक्षा 
खरोंच तक न आने देते  
सदा साथ बने रहते |
होते इतने होशियार कंटक 
अपना कर्तव्य निभाने में  
कोई फूल तक न पहुँच पाता
उनसे बच कर जा न पाता |
जो प्यार पुष्पों से करता 
कैसे भूलता संरक्षक काँटों को
कितना बचता कैसे बचता
उनसे  दूर न रह पाता |
स्नेह तनिक भी कम न होता
वह धन्यवाद देना न भूलता
कंटकों को पूरी क्षमता से
अपना कर्तव्य निभाने के लिए |
आशा