किसी से ऐसा प्यार न कीजे 
जब तक उससे स्वीकृति न लीजे 
यदि किया ऐसा टूट जाओगे 
हो कतरा कतरा बिखर जाओगे |
कोई तुम्हारा साथ न देगा 
जिसने यह नेक सलाह दी थी
बिना प्यार सब सूना लगता
अब मन कहता प्रभु से प्यार करो
 यही सन्मार्ग दिखाता सब को  |  
बातें जो मन को  भटकातीं शोभा नहीं देतीं 
जब सजा मिली इनकी वह मित्र भी  दूर हुआ 
कहलवाया उसने  वह मजबूर था 
सही सलाह न दे पाया
उसने भी समझ लिया पहचान लिया
 अपने उस  सतही मित्र को 
 जो बड़ी बड़ी बातें करता था 
किया पलायन उसने क्षण भर में |
आवश्यकता पड़ने पर किसी ने
मदद न की थी   
अब तो सलाहों का भी 
टोटा हुआ क्या करे?  
मन को पाश्च्याताप हुआ 
लज्जा आई खुद पर |
 की आराधना प्रभु की  
गुहार लगाई सही राह दिखलाने को
अपने विचारों पर
 खुद ही हुआ शर्मिन्दा | 
उसकी भक्ति में ही हुआ लीन  
अब ईश्वर का वरधहस्त है सर पर
प्रभु के सिवाय किसी से
मदद न लेने की कसम खाई है |
आशा
हर आपदा में सच्चा सहायक वह ऊपर वाला ही होता है !
जवाब देंहटाएंनैया तेरी राम हवाले
लहर लहर हरि आप सँवारे !
सुन्दर रचना !
Thanks for the comment sadhna
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